ज़िक्र
खुद से भी अब यार करते नहीं
की हम ने कितनो से बातें तेरी
किसी खाली कोने में जब मुस्कुराये
उजला हुआ चाँद तो गीत गाए
FB का status बस इक smiley था
हर बात मेरी तेरा ज़िक्र ही था
कभी खत्म तुझ से सरोकार होगा
हमें न पता था की ये दौर होगा- धुर्जटा