घोड़ा था घमंडी पहुंचा सब्ज़ी मंडी
Urmila Matondkar and Jugal Hansraj were child artists in this 1983 movie Masoom. The movie was Shekhar Kapoor’s directorial debut (I might be wrong though), and written by Gulzar Sahib. Music for Masoom was written by RD Burman!
लकड़ी की काठी काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पै जो मारा हथोड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
घोड़ा पहुंचा चौक में
चौक में था नाई
घोड़े जी की नाई ने हजामत जो बनाई
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
घोड़ा था घमंडी
पहुंचा सब्ज़ी मंडी
सब्ज़ी मंडी बरफ पड़ी थी
बरफ में लग गई ठंडी
तक बक तक बक
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
घोड़ा अपना तगड़ा है
देखो कितनी चर्बी है
चलता है महरौली में पर
घोड़ा अपना अरबी है
बांह छुड़ा के दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
लकड़ी की काठी काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पै जो मारा हथोड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
This song can make me cry! I don’t really know why!
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