सब कुछ हो फिर भी सब न हो
जो अब तक होता आया
वो शायद अब न हो
ज़िन्दगी के लम्बे सफ़र में
दुःख भरी कोई शब् न हो
बचपना है प्यार है
यारी है दोस्ती है
हंसी है ख़ुशी है
उम्मीदें है ख्वाहिशें हैं
सपनो के टूटने पर
उम्मीदों के छूटने पर
उतना दर्द
शायद अब न हो
एक रास्ता था वो भी
एक रास्ता है ये भी
उस राह के छूटने पर
अकेलापन शायद अब न हो
नयी मंजिलों का इंतज़ार है
नयी राहों से मुझे प्यार है
इन राहों पर मिलने वाली मंजिलों में
सब कुछ हो
फिर भी सब न हो
अप्रैल २००९
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